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लेखनी प्रतियोगिता–इंतजार और इकरार तारों का -05-Dec-2023

इंतजार और इकरार तारों का 

दिल ने इकरार किया किंतु मिलन अधूरा है 
दिल के रोगी को परीक्षा से गुजरना जो होता है 

तुम भी मजबूर हो हम भी मजबूर है
सपनों में मिलना भी तो एक मिलना है

परिस्थितियों ने हमसे बदला ले दर्द दिया 
जुदा करने कि नियति ने नियति बना लिया 

न तुम गलत थे ना हमें नाराजगी थी 
परीक्षा ले नियती ने हमें दो राहें दिखा दी 

तुम्हारे शब्दों ने दीदार करा दिया दिल–ए हाल 
तुम्हारे रूठने वाले शब्दों को समझा अभी हाल 

तेरी कलम ने मजबूर कर कसम तुड़वा दी
तेरे दिल के उदगार ने चुप्पी उखाड़ दी

आंधिया और तूफ़ान ला दिया
दिल में एक भूचाल ला दिया 

दिले दर्द कि पहचान हो गईं
दिल ही दिल में बातें हो गईं 
 
आओ चमकदार दो तारों पर टकटकी लगाए 
तुम और हम बातें करते नजर आए

वही तारे तुम्हारे हमारे मिलन के प्रतिबिंब है
आओ उनके दीदार कर आंखें चार करते है

अब तो मिलन तारों में है
दिल से दिल के तार जोड़ते हैं 

तुम भी मजबूर हो हम भी मजबूर है
तारों में मिलना भी एक अदभुत मिलन है

यहां ना कोई बंदिश है
यहां ना समय का अभाव है

आओ इस अदभुत मिलन को साकार करते हैं
तारों ही तारों में आंखे चार करते हैं।।

✍️ विजय पोखरणा “अपयस” 

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